" ONCE YOU LEARN TO READ,YOU WILL BE FOREVER FREE"
Sunday, July 14, 2024
PM SHRI KENDRIYA VIDYALAYA PUSHP VIHAR DIGITAL LIBRARY
Vidyalaya library is running in both 1st shift and 2nd shift . There is a digital library with 7 computers for students and staffs PM SHRI and 2 computers for operating the library system. The library system having online
egranthlaya software i.e.eg4.nic.in . Books are issued and returned through online eg4 library
software for students and staffs
Monday, January 29, 2024
बुक क्लब
केन्द्रीय विद्यालय पुष्पविहार (प्रथम पाली) सेक्टर-3, एमबी रोड, साकेत नई दिल्ली-110017
बुक क्लब का गठन हमारे योग्य प्राचार्य एमएस धरित्री दास (अध्यक्ष) और उप-प्रिंसिपल
श्रीमती शिल्पी मल्होत्रा के मार्गदर्शन में अप्रैल 2023 के पहले सप्ताह में किया गया था।
इस क्लब में निम्नलिखित सदस्य जोड़े गए:-
शिक्षक सदस्य
1- श्री जे.के.गुप्ता पीजीटी-भौतिकी
2- श्रीमति पूनम शर्मा पीजीटी अंग्रेजी
3- श्री प्रीतम पोखिरियाल टीजीटी संस्क
4- श्री अशोक मीणा टीजीटी हिंदी
5- श्रीमति रफत जेहान
6- सुश्री लक्ष्मी कुमारी लाइब्रेरियन संयोजक
कक्षा प्रतिनिधि:-
1. हिमांशु छटी बी
2. ज्योति छटी सी
3. प्रतीक छटी सी
4. याशिका छटी डी
5. स्वस्तिका सातवीं ए
6. आयुष सातवीं बी
7. अनन्या आठवीं बी
8. कशिश आठवीं बी
9. शालिका आठवीं ए
10. कृतिका आठवीं सी
11. खुशी आठवीं सी
12. तरुणा आठवीं डी
13. रिया नवीं बी
14. चमन नवीं बी
15. कार्तिके दसवीं ए
16. अदिति 11वीं ए
17. मयंक मौर्य ए
18. चंद्रप्रभा बारहवीं डी
छात्र पुस्तक क्लब के सदस्यों के लिए नियम:
1- प्रत्येक छात्र सदस्य ने विद्यालय पुस्तकालय से पुस्तकें जारी की होंगी और उन्हें पढ़ा होगा;
पुस्तक समीक्षाएँ लिखना; उनके और अन्य छात्रों के लिए संभावित उपयोगों पर चर्चा। शिक्षक
सदस्यों द्वारा जाँच की गई।
2- छात्रों को पढ़ने के महत्व के बारे में बताएं और अन्य छात्रों में पढ़ने की आदत
कैसे विकसित करें।
3-पुस्तकालय गतिविधियों, पुस्तक समीक्षा, बुकमार्क, नारे लेखन, प्रश्नोत्तरी समय
आदि में भाग लें।
Sunday, January 28, 2024
Netaji SUBHAS CHANDRA BOSE BIRTHDAY
सुभाष चन्द्र बोस
भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी एवम महान स्वतंत्रता सेनानी (1897-1945)
सुभाष चन्द्र बोस (23 जनवरी 1897 - 18 अगस्त 1945) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिए, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फ़ौज का गठन किया था । उनके द्वारा दिया गया "जय हिन्द" का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया।
भारतवासी उन्हें नेता जी के नाम से सम्बोधित करते हैं।
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